Hindi Poem
बच्चा जो लगभग साल भर का होगा उसे उसकी मरी माँ सोई हुई लगती थी । बार बार चादर को माँ के मुर्दा जिस्म से उठाता अपने ऊपर लपेट लेता। वह हकीकत और अंधकार से अभी दूर, अपनी मरी माँ से खेलने लगा। यकीनन उसे रात को जब माँ की गर्म आग़ोश नहीं मिलेगी तो […]